क्यों होता है ब्रेस्ट कैंसर?
और कैसे करें पहचान
1 months ago
Written By: ANJALI
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में सबसे आम कैंसर है और भारत सहित पूरी दुनिया में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार, हर 8वीं महिला को अपने जीवनकाल में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा रहता है। आम धारणा है कि ब्रेस्ट में गांठ होना ही इसका प्रमुख लक्षण है, लेकिन क्या आपको पता है कि गांठ न होने पर भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है?
क्यों होता है ब्रेस्ट कैंसर?
ब्रेस्ट कैंसर तब विकसित होता है जब ब्रेस्ट के सेल्स असामान्य तरीके से बढ़ने लगते हैं और टिश्यू को नुकसान पहुंचाते हैं। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे—
जेनेटिक फैक्टर (परिवार में कैंसर का इतिहास)
हॉर्मोनल बदलाव
मोटापा और खराब लाइफस्टाइल
देर से मां बनना या ब्रेस्ट फीडिंग न कराना
लंबे समय तक हॉर्मोनल दवाओं का सेवन
अगर इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो कैंसर पास के लिम्फ नोड्स से होते हुए लिवर, फेफड़ों, हड्डियों और दिमाग तक भी फैल सकता है।
गांठ के बिना ब्रेस्ट कैंसर के संकेत
विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रेस्ट कैंसर हमेशा गांठ बनने से ही शुरू नहीं होता। कई बार यह बिना गांठ बने भी विकसित हो सकता है। ऐसे में यह जरूरी है कि महिलाएं इन शुरुआती लक्षणों को पहचानें:
ब्रेस्ट की त्वचा में सिकुड़न या गड्ढा पड़ना
निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज
ब्रेस्ट के आकार या साइज में अचानक बदलाव
लगातार दर्द या जलन महसूस होना
निप्पल का अंदर की ओर मुड़ जाना
बगल या कॉलर बोन के पास सूजन
अगर इनमें से कोई भी लक्षण लंबे समय तक बने रहे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
कैसे करें बचाव?
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव और शुरुआती पहचान के लिए कुछ उपाय बेहद जरूरी हैं:
हर महीने ब्रेस्ट का सेल्फ-एग्जामिनेशन करें।
40 साल की उम्र के बाद नियमित अंतराल पर मैमोग्राफी कराएं।
संतुलित आहार लें और रोजाना एक्सरसाइज करें।
शराब और धूम्रपान से दूरी बनाएं।
हॉर्मोनल दवाओं का लंबे समय तक उपयोग न करें।
परिवार में कैंसर का इतिहास हो तो नियमित चेकअप कराते रहें।
गांठ ब्रेस्ट कैंसर का एक आम लक्षण है, लेकिन यह एकमात्र संकेत नहीं है। महिलाओं के लिए जरूरी है कि वे जागरूक रहें और समय-समय पर जांच कराती रहें। शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता चलने पर इलाज न केवल आसान होता है, बल्कि पूरी तरह ठीक होने की संभावना भी काफी ज्यादा होती है।