EV सब्सिडी 13 अक्टूबर से खत्म, लेकिन यूपी में बने इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलती रहेगी राहत
जानें पूरी बात
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: त्योहारों के मौसम से पहले यूपी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पर मिलने वाली सब्सिडी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। 13 अक्टूबर 2025 तक सभी ईवी पर सब्सिडी दी जाएगी, लेकिन 14 अक्टूबर से सिर्फ वही वाहन सब्सिडी के पात्र होंगे जो उत्तर प्रदेश में बने और यहीं पंजीकृत (रजिस्टर्ड) होंगे। सरकार का मानना है कि इस कदम से राज्य में ईवी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। यूपी के कई शहरों में पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण हो रहा है और नई यूनिट्स भी तेजी से स्थापित की जा रही हैं। नई योजना के अनुसार, 2025 से 2027 तक यह सब्सिडी जारी रहेगी।
अब तक 60 करोड़ की सब्सिडी दी जा चुकी
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश में यह सब्सिडी योजना अक्टूबर 2022 से शुरू की गई थी। परिवहन विभाग के अनुसार, अब तक करीब 60 करोड़ रुपये सब्सिडी के तौर पर दिए जा चुके हैं। सिर्फ अप्रैल 2025 से अब तक ही 40 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। सब्सिडी प्रक्रिया में और तेजी तब आई जब आरटीओ स्तर से भुगतान शुरू किया गया। अब तक 17,665 वाहन मालिक इसका लाभ उठा चुके हैं, जबकि 38,285 आवेदन अभी भी पेंडिंग हैं। अधिकारियों का कहना है कि चूंकि आवेदन अंतिम तारीख से पहले किए गए हैं, इसलिए सभी को सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
पॉलिसी के तीन साल पूरे
अधिकारियों ने जानकारी दी कि प्रदेश में 14 अक्टूबर 2022 को ईवी पॉलिसी लागू हुई थी। इसके तहत तीन साल तक ईवी खरीदने वालों को टैक्स और पंजीकरण में छूट दी जा रही थी। इतना ही नहीं, जिन्होंने टैक्स और पंजीकरण शुल्क जमा किया, उन्हें रिफंड भी दिया गया। परिवहन आयुक्त बीएन सिंह के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में इस पॉलिसी के तीन साल पूरे हो जाएंगे। इसके बाद सिर्फ यूपी में बनने वाले वाहनों पर ही सब्सिडी लागू होगी।
कमर्शल वाहन मालिकों की मांग
इसी बीच, आजाद चालक यूनियन और द इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स के प्रतिनिधिमंडल ने परिवहन मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने एग्रीगेटर पॉलिसी में कमर्शल वाहनों की उम्र सीमा 8 साल से बढ़ाकर 15 साल करने की मांग रखी। इसके अलावा बढ़ती महंगाई को देखते हुए किराया हर साल 40% तक बढ़ाने की बात भी कही गई। यूनियन ने पॉलिसी ड्राफ्ट तैयार करने वाली समिति में अपने दो प्रतिनिधियों को शामिल करने की भी मांग की। इस प्रतिनिधिमंडल में सरदार प्रभदीप सिंह सलूजा, इमरान खान, कैलाश बाबू और मोहम्मद आमिर शामिल रहे।